हरिद्वार । पावन नगरी हरिद्वार में आयोजित स्वच्छोत्सव पखवाड़ा केवल स्वच्छता का पर्व नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक, सामाजिक और स्वास्थ्य जनांदोलन बनकर सामने आया। “स्वच्छता ही सेवा” पखवाड़े के अंतर्गत, आईटीसी मिशन सुनहरा कल और श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम ने मिलकर मंदिर स्वच्छता, गंगा घाट सफाई, स्वास्थ्य शिविर, जन-जागरूकता रैलियाँ और नुक्कड़ नाटक जैसे विविध कार्यक्रमों के माध्यम से पूरे समाज में नई चेतना का संचार किया। कनखल के प्राचीन हनुमानगढ़ी, दक्षेश्वर महादेव, चंडीदेवी और मनसा देवी मंदिर, हरकी पौड़ी अब स्वच्छता और भित्ति-चित्रों से सजे एक आध्यात्मिक सौंदर्य के प्रतीक बन चुके हैं। “आईटीसी मिशन सुनहरा कल और श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम का यह अभिनव प्रयास अनुकरणीय है। मंदिरों से निकले पुष्पों का गंगा में विसर्जन रोककर उनका खाद एवं धूपबत्ती में उपयोग वास्तव में दिव्य और उपयोगी पहल है।” कांवड़ पर्व के बाद शिव घाट, विष्णु घाट और दक्ष घाट पर जिला प्रशासन, नगर विधायक मदन कौशिक जी, रानीपुर विधायक श्री आदेश चौहान जी व आईटीसी मिशन सुनहरा कल के संयुक्त प्रयास से विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया। मंदिरों से निकले निरमाल्य पुष्पों को धूप अगरबत्ती बनाने हेतु सरस केंद्र, जमालपुर कलां भेजा गया। महिला समूहों व आकांक्षा दिव्यांग विद्यालय, भेल के दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने इन्हें धूपबत्ती व अगरबत्ती में परिवर्तित किया। इस पहल से न केवल गंगा प्रदूषण में कमी आई बल्कि पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद और स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए।