वर्षो से झेल रहे हैं जनपद के ग्रामीण असुविधा का दंश

ऋषिकेश।यमकेश्वर क्षेत्र के माध्यमिक विद्यालयों का प्रान्तीकरण होगा। प्रान्तीयकरण की प्रक्रिया प्रारंभिक रूप से शुरू होगयी है।यह जानकारी देते हुए पैतृक और मूल रूप से यमकेश्वर प्रखण्डवासी शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख पर्यावरण विद सामाजिक आंदोलनकारी विनोद जुगलान ने बताया कि राजधानी देहरादून से मात्र 60 किमी की दूरी पर पौड़ी जनपद के ग्रामीण असुविधा का दंश वर्षो से झेल रहे हैं।बीन नदी पर पुल नही होने से क्षेत्र की जनता को भारी परेशानियों का दंश झेलना पड़ रहा है।साथ ही क्षेत्र में प्रबंधकीय माध्यमिक विद्यालयों के प्रांतीयकरण से वंचित विद्यालयों में बड़ी संख्या में कार्यरत शिक्षक सुविधाओ से वंचित हैं।ऐसे में शिक्षा प्राप्त कर रहे हजारों हजार विद्यार्थी राज्य निर्माण के 23 वर्षो बाद भी सुविधा से कोसों दूर हैं।मूल्य परक शिक्षा हर विद्यार्थी का पहला अधिकार है। सुविधायों के बिना भी पहाड़ के शिक्षक और विद्यार्थियों की प्रतिभा अपना लोहा मनवा रही है।ऐसे में सरकार द्वारा विद्यालयों का प्रांतीयकरण किया जाना आवश्यक है।उन्होंने बताया कि क्षेत्र की ज्वलंत समस्याओं को लेकर उन्होंने यमकेश्वर प्रखण्ड उमरोली की जिला पंचायत आरती गौड़ और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ क्षेत्रीय जनता सहित बीते जुलाई माह में 25 जुलाई को वीरभद्र बैराज के निकट शांतिपूर्ण ढंग से सांकेतिक धरना देकर क्षेत्र की समस्याओं को उजागर करते हुए जनप्रतिनिधिमण्डल के साथ यमकेश्वर के उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा था।जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री जनाकांक्षा अनुभाग के अनुसचिव ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा को ज्ञापन के बिंदु संख्या 8 यमकेश्वर क्षेत्र के माध्यमिक विद्यालयों के प्रांतीयकरण पर संज्ञान लेने के निर्देश दिए।उक्त पत्र के निर्देशानुपालन में मुख्य शिक्षा अधिकारी द्वारा खण्ड शिक्षा अधिकारी यमकेश्वर को नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट मुख्य शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावरण प्रमुख विनोद जुगलान ने कहा कि इस संदर्भ में यमकेश्वर क्षेत्र के जनप्रतिनिधिमण्डल एवं जनप्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण है।शीघ्र ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार से विद्यालयों के प्रान्तीयकरण सहित अन्य मांगों पर वित्तीय संस्तुति के संदर्भ में वार्ता करने पर विचार किया जाएगा।यदि अवश्यकता पड़ी तो गुड गवर्नेंस के लिए सरकार को न्यास की ओर से सुझाव भी प्रेषित किये जायेंगे।गौरतलब है कि यमकेश्वर क्षेत्र वासी वर्षो से उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं।इससे क्षेत्र युवाओं में अप्रसन्नता बढ़ रही है।प्रान्तीयकरण से सैकड़ों शिक्षकों के नियमित होने के साथ उन्हें स्थाई रोजगार और सुविधाएं उपलब्ध होंगी।