देहरादून । दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की देहरादून शाखा के द्वारा साप्ताहिक रविवारीय सत्संग-प्रवचनों एवं मधुर भजन-संकीर्तन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया। साध्वी विदुषी भक्तिप्रभा भारती ने भक्तजनों के समक्ष अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा कि भक्ति के पथ पर प्रत्येक भक्तात्मा की अपनी अलग गाथा, अपनी अलग से ही कहानी हुआ करती है। भक्ति के मार्ग को महापुरुषों ने यदि ’खंडे की धार’ पर चलने जैसा बताया है तो भगवान भी भक्त को अपनाने के लिए अपनी अनेक कृपाएं प्रदान करने के लिए सदा इस धरा-धाम पर सद्गुरु के रूप में अवतरित होते हैं। ईश्वर जहां अपने बनाए हुए नियमों-प्रावधानों में सख्ती के साथ बंधे होते हैं, वहीं वे गुरु के रूप में आकर अपने भक्तों पर करुणा की वर्षा करते हुए उनका ’परम कल्याण’ किया करते हैं। भक्ति में कदम-कदम पर भक्तों को परीक्षाएं भी देनी होती हैं, यह भक्ति मार्ग कोई साधारण बात नहीं है। यहां पग-पग पर मायावी आकर्षण मनुष्य का रास्ता रोकते हैं,उसे भरमाते हैं, मायापति तक पहुंचने ही नहीं देते हैं, इसलिए! परीक्षाओं का प्रावधान भक्ति की परख के लिए आवश्यक हो जाता है। ईश्वर की गोद पाना भक्त के लिए सहज नहीं है, ध्रुव हो या प्रहलाद इन्होंने भी दुखों-कष्टों के अनेक पड़ावों को पार कर तथा अनगिनत दुरुह परीक्षाओं की राह से गुज़र कर ही परमात्मा की प्राप्ति की थी। यदि भक्त के भाव शुद्ध हैं, प्रबल हैं तो गुरु रूप में आकर वही परमात्मा स्थूल देह को धारण करते हुए अपने भक्तों को अपने ’कृपांक’ प्रदान कर कठिन परीक्षाओं में भी पास कर देते हैं। अपनी गोद प्रदान कर देते हैं।