उत्तराखण्ड महिला मंच ने विभिन्न जन संगठनों के साथ नशे के खिलाफ ठोकी ताल

राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर की अभियान की शुरुआत

देहरादून। लोेकसभा चुनाव की गहमा-गहमी के बीच उत्तराखंड महिला मंच ने अनेक अन्य जन संगठनों के साथ नशे के खिलाफ ताल ठोक दी है। इस अवसर पर अभियान की शुरुआत राज्यपाल को ज्ञापन भेजने के साथ की गई। जन संगठनों की ओर से जिलाधिकारी कार्यालय में ज्ञापन देने के निर्णय लिया गया था, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण कार्यक्रम को केवल ज्ञापन देने तक सीमित कर दिया गया। इस अवसर पर महिला मंच और विभिन्न जनसंगठनों के लोग सुबह कचहरी स्थित शहीद स्मारक में जमा हुए और वहां पहले धरना-प्रदर्शन करने और जुलूस निकालने का फैसला किया गया था, लेकिन आचार संहिता के कारण धरना-प्रदर्शन और जुलूस का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। इस अवसर पर दर्जनों की संख्या में इकट्ठा हुई महिलाओं और जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार की जन विरोधी शराब नीति के कारण शराब गांव-गांव और घर-घर तक पहुंच गई है। इसके साथ ही ड्रग्स के बढते कारोबार पर भी सरकार चुप है। ज्ञापन में कहा गया कि देहरादून से लेकर दूर-दराज के पहाड़ी गांवों तक कई तरह के ड्रग्स की तस्करी की जा रही है। युवाओं के जीवन पर खतरा बढता जा रहा है और घर परिवारों मे अशांति बढ़ रही है। इस अवसर पर विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी शामिल रहे।