ऋषिकेश। श्यामपुर न्याय पँचायत की 16 ग्राम सभाओं में खरीफ धान की फसल कटाई मँड़ाई का कार्य अंतिम दौर में है।साथ ही जंगली जानवरों खासकर जँगली हाथियों की आमद रुकने का नाम नहीं ले रही है।जबकि वन विभाग के स्थानीय अधिकारी ग्रामीणों की फसल सुरक्षा को लेकर अंजान बने हुए हैं।एक ओर ग्रामीण फसल सुरक्षा को लेकर रातभर खेतों में पहरा दे रहे हैं।दूसरी ओर वनविभाग के स्थानीय अधिकारी आइडीपीएल में कब्जे को लेकर दिन रात अपनी व्यस्तता जता रहे हैं।जिलाधिकारी देहरादून की अध्यक्षता में गठित जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य विनोद जुगलान का कहना है कि वन्यजीवों से फसल सुरक्षा को लेकर वे बीते वर्ष खड़क माफ के खादर क्षेत्र में वन्यजीव सुरक्षा दीवार निर्माण का सुझाव दे चुके हैं।एक साल बीत जाने के बाद भी अभी तक न तो सुरक्षा दीवार का निर्माण हुआ बल्कि रहरखाव की कमी के कारण बीते साल लगाई गई सौर ऊर्जा बाड़ भी क्षति ग्रस्त हो चुकी है।जुगलान ने बताया कि खदरी के किसान वन्यजीवों से परेशान होकर फसल सुरक्षा के लिए रातभर जागकर खेतों में रात बिताने को मजबूर हैं।वन्यजीवों के आमद की सूचना के बावजूद भी वन सुरक्षाकर्मी खेतों में नहीं आरहे हैं।निहत्थे किसान जानजोखिम में डालकर अपने अपने खेतों में चौकीदारी कर हाथी भगा रहे हैं।ऐसे में कभी भी कोई हादसा होने की सम्भवना है।उन्होंने कहा कि बुधवार की रात उन्होंने स्वयं अनुभाग अधिकारी सहित वन क्षेत्राधिकारी को रात्रिगश्तदल वन सुरक्षा कर्मियों को खादर क्षेत्र में भेजने का आग्रह किया।लेकिन वन क्षेत्राधिकारी के निर्देशों के बावजूद भी गश्तदल का कोई सदस्य मौके पर नहीं पहुंचा।स्वयं ही किसान पटाखे फोड़कर जँगली हाथी को भगाते रहे। मामले की गंभीरता को देखते हुए वनकर्मियों की हीलाहवाली को लेकर उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाया जाएगा।अनुभाग अधिकारी चन्द्र शेखर भट्ट का कहना है कि वन्यजीवों द्वारा खेतों में प्रवेश के घाटों को बंद करने के लिए शीघ्र ही चार सौ मीटर सौर ऊर्जा बाड़ का निर्माण किया जाएगा।उन्होंने कहा कि रात्रि गश्तदल के लिए वाहन उपलब्ध न होने के कारण सभी जगह गश्त करने में दिक्कत आरही है।