मौसम की सख्ती के बीच रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालु पहुंचे चारधाम

देहरादून  । चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओ की भारी संख्या ने आगामी शीतकालीन यात्रा के लिए भी प्रदेशवासियों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। यह तब है जब इस बार मानसून सीजन में मौसम की भारी दुश्वारियां देखने को मिली। बावजूद इसके चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का आंकड़ा 47 लाख पार कर गया। चारधाम यात्रा हर साल एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रही है। इस बार मानसून के दौरान मौसम की बेरुखी और लगातार बरसात ने आंकड़ों में भारी गिरावट की तरफ इशारा किया था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। यात्रा में अब तक 47 लाख से अधिक श्रद्धालु चारोंधामों के दर्शन कर चुके हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि जब तक बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे, तब तक यह संख्या 48 लाख के आंकड़े तक पहुंच जाएगी।
इस बीच गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट भी जल्द बंद होने वाले हैं। हालांकि बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने में अभी कुछ समय शेष है, जिससे उम्मीद है कि श्रद्धालुओं की आमद का आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। चारधाम यात्रा के समापन से पहले ही राज्य सरकार अब शीतकालीन यात्रा की तैयारी में जुट गई है। मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने बुधवार को केदारनाथ धाम पहुंचकर वहां चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया और शीतकालीन व्यवस्था को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। उधर रुद्रप्रयाग के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शीतकालीन यात्रा को लेकर बेहद गंभीर हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा को सफल और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रशासन को पहले से ही तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
दूसरी तरफ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी चारधाम यात्रा की सफलता पर संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि प्रतिकूल मौसम और प्राकृतिक चुनौतियों के बावजूद इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन उत्तराखंड सरकार की बेहतर व्यवस्था और प्रशासनिक समन्वय का परिणाम है। इस बार यात्रा मार्गों पर सुरक्षा, स्वास्थ्य और यातायात प्रबंधन को लेकर व्यापक तैयारी की गई थी, जिससे यात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो सकी। अब सरकार की कोशिश है कि शीतकालीन यात्रा को भी उसी भव्यता और सुव्यवस्था के साथ संपन्न कराया जाए, ताकि उत्तराखंड की धार्मिक पर्यटन पहचान और मजबूत हो सके। हालांकि शीतकालीन यात्रा को लेकर सरकार के सामने एक अलग तरह की चुनौती होगी, जिसके लिए सरकार को प्रयास भी कुछ अलग और बेहतर करने होंगे। आंकड़ों के रूप में देखें तो चारधाम यात्रा के साथ हेमकुंड साहिब की यात्रा को भी जोड़ दें तो राज्य में 49 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। उधर हेमकुंड साहिब के इस आंकड़े को चारधाम यात्रा से हटा भी दे तो प्रदेश में चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 46 लाख से ज्यादा है। गंगोत्री में श्रद्धालुओं का आंकड़ा 7.5 लाख से ज्यादा रहा है। इसी तरह यमुनोत्री में भी आंकड़ा करीब 6.5 लाख पहुंचा है। केदारनाथ धाम में 17.5 लाख तो बद्रीनाथ धाम में करीब 15 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।