देहरादून । दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के निरंजनपुर स्थित आश्रम सभागार में साप्ताहिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान आध्यात्मिक प्रवचनों और भजन संध्या का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सत्संग को संबोधित करते हुए साध्वी विदुषी स्मिता भारती ने कहा कि ईश्वर को जानना और अनुभव करना तभी संभव है जब कोई पूर्ण गुरु के सानिध्य में आकर ब्रह्मज्ञान प्राप्त करे। गुरु का मार्गदर्शन ही भक्त को ईश्वर के साक्षात्कार तक पहुंचा सकता है। उन्होंने बताया कि संत-महापुरुषों की संगति और सत्संग से ही मनुष्य आध्यात्मिक रहस्यों को समझ सकता है और अपने जीवन को सार्थक बना सकता है। साध्वी जी ने महात्मा बुद्ध और भक्त प्रहलाद के उदाहरण देकर समझाया कि आध्यात्मिक यात्रा में चार प्रकार के लोग होते हैंकृकुछ जो अज्ञान में ही जीवन व्यतीत करते हैं, कुछ जो ज्ञान प्राप्त कर भी अमल नहीं करते, कुछ जो प्रकाश की ओर बढ़ते हैं और कुछ जो स्वयं प्रकाशित होकर दूसरों का मार्गदर्शन करते हैं। कार्यक्रम के दौरान भक्तिमय भजनों का भी आयोजन हुआ, जिनमें तेरी शरण रहें हम प्रभु, ओम नमः शिवाय, और मेरा रंग दे बसंती चोलाष् जैसे भजनों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। मंच संचालन साध्वी विदुषी अनीता भारती ने किया। सत्संग के अंत में प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
